Saturday 27 April 2013

अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) : अब स्नातक में 50 प्रतिशत अंक जरूरी नहीं


अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बीटीसी डिग्रीधारकों के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंकों की शर्त समाप्त कर दी गई है। अब स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले बीटीसी, डीएडधारक भी आवेदन कर सकेंगे।
विभागीय जानकारों के अनुसार 2001 से पहले प्रदेश में बीटीसी में प्रवेश के लिए परीक्षा होती थी। बाद में मेरिट की व्यवस्था की गई, जिसमें स्नातक में 50 प्रतिशत अंक की बाध्यता कर दी गई। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने भी अपने नियमों में स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंकों की छूट दे रखी है। शासनादेश के अनुसार यदि कोई अभ्यर्थी केवल भाषा शिक्षक के लिए टीईटी करना चाहता है तो वह सिर्फ एक भाषा के लिए टीईटी दे सकेगा। यदि कोई उर्दू के लिए फार्म भर देता है तो वह अन्य किसी भाषा के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा। वहीं शासन ने मंडल मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर भी परीक्षा केंद्र बनाने की अनुमति दे दी है

सूबे के बेसिक स्कूलों में दस हजार आठ सौ शिक्षकों की भर्ती संबंधी शासनादेश जारी कर दिया है। इसके लिए तीन मई को जिलेवार विज्ञापन जारी किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करने की तैयारी है। यह शासनादेश प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने जारी किया।
शासनादेश के अनुसार बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी अभ्यर्थी इन पदों के लिए पात्र होंगे। तीन मई को जिलेवार पूरे प्रदेश में एक साथ विज्ञापन जारी होगा। एक हफ्ते बाद ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। आवेदन के लिए 21 दिन का मौका दिया जाएगा। फार्म भरने की अंतिम तिथि केएक सप्ताह बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपये और एससी-एसटी के लिए 200 रुपये तय किया है। निशक्त अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क नहीं देना होगा।

source:amar ujala news paper
dated:27-04-2013

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